रिलायंस ग्रुप की कहानी In Hindi: अम्बानी का कहना है कि -जियो की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी से मिली: वे कहते थे कि केवल वे टेक्सटाइल्स कंपनी बन कर नही रह सकते, आने वाली जनेरेशन को टेलेंट में निवेश करना चाइये ! 1) मुकेश अंबानी ने कहा कि हमारे देश में कुछ नार्मल चेंज के लिए तीन प्रमुख लक्ष्य तय किये हैं। 2) मुकेश अम्बानी का कहना है कि हमारे भारत को मैन्युफैक्चरिंग के बारे एक नए तरीके से सोचने की जरुरत है । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक ने फार्मर ब्यूरोक्रेट और बीजेपी नेता एन.के सिंह की पुस्तक ‘ पोर्ट्रेट ऑफ पावर :हाफ अ सेंचुरी ऑफ बिइंग ऐट रिंगसाइड ‘के विमोचन

रिलायंस ग्रुप की कहानी In Hindi: अम्बानी का कहना है कि -जियो की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी से मिली: मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी किसी स्कूल टीचर के बेटे थे, वे अपने साथ सिर्फ एक हजार रुपये लेकर मुंबई में गए थे ,और अपने सपने भी साथ लेकर गए थे। और उन्होंने अपना बिजनेस एंपायर खड़ा कर दिया। उनका मानना है की जो व्यक्ति अपने फ्यूचर के आने वाले कारोबार को देखते हुए अपने टैलेंट को सही दिशा में लगते हो उनको कामयाबी जरूर हासिल होती है
प्रोग्राम में मुकेश अंबानी से क्या पूछा गया था?
रिलायंस ग्रुप की कहानी:अम्बानी का कहना है कि -जियो की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी से मिली: देश मे बदलाव के लिए तीन लक्ष्य मुकेश अंबानी ने कहा कि देश में कुछ चेंज के लिए तीन प्रमुख लक्ष्य तय किये हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को बदलने के लिए तीन लक्ष्य पर काम चल रहा है।
ये है मुकेश अंबानी के तीन लक्ष्य मुकेश अंबानी का पहला लक्ष्य भारत को डिजिटल सोसाइटी में बदलना है। दूसरा लक्ष्य भारत को एजुकेशन में बदलना है।मुकेश अंबानी का कहना है किसी समय हमारे देश की एजुकेशन सिस्टम में 20 करोड़ बच्चे रहते हैं। भारत को पूरी तरह से बदलने में 8से10 साल लगेंगे। मुकेश अंबानी का तीसरा लक्ष्य एनर्जी सेक्टर को लेकर हैं, उन्होंने कहा कि फांसिल फांसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए एनर्जी सेक्टर को ट्रांसफार्म करना चाहते हैं।
रिलायंस ग्रुप की कहानी In Hindi: अम्बानी का कहना है कि -जियो की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी से मिली: भारत को नए सिरे से मैनुफैक्चरिंग के बारे में सोचना चाहिए मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत को विकास के लिए मैन्युफैक्चरिंग के बारे में नए सिरे से सोचना चाहिए। यह बात अंबानी एक वर्चुअल बुक के मौके कही। उन्होंने कहा कि अपने छोटे और मध्यम स्तर यानी एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत है। मुकेश अंबानी का ये बयान जब आया है जब देश की आर्थिक सँकट से जुझ रहा है।
जून महीने तक जियो के करीब चालीस करोड़ ग्राहक थे क्या जियो के बारे में जियो की सफलताओ असफलताओ और चुनौतियों के बारे में बता सकते है ?
रिलायंस ग्रुप की कहानी In Hindi: अम्बानी का कहना है कि -जियो की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी से मिली: मुकेश अंबानी का जवाब-मेरे पिता एक स्कूल टीचर के बेटे थे , वे 1960 में भारतीयों के सपने। को पूरा करने के लिए मुंबई आए थे। वे अपने साथ 1000 रुपये और अपने हौसले के साथ आये थे अगर आप भविष्य के बिजनेस मे निवेश करते हैं, तो आप अपना सपना का निर्माण कर सकते हैं। पहले मैने अपने पिता जी की यात्रा को आगे बढ़ाया और मैने एक बुक में पढ़ा कि रिलायंस को सरकार द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गई थीं और उस पर जुर्माना भी साफ था।
ये जुर्माना लाइसेंस की क्षमता से ज्यादा प्रोडक्शन पर लगा था तब के सुधार से लेकर अब हम प्रोडक्शन को केवल इंसेटिवाइज कर रहे हैं। हम आज जो कुछ कर रहे हैं सब कुछ प्रोडक्शन से जुड़ा है। आप अपना माइंडसेट कितना बदल सकते हैं, यह सोचना चाहिए।आप अगर टेलीकॉम को देखे तो हमारे नजरिए से हमने भविष्य की एक टेक्नोलॉजी को तैयार किया है, ये हमारे पिता जी का नजरीया था।अगर आप टेक्सटाइल से आगे जाने चाहते है तो आपको भविष्य के बिजनेस की ओर जाना होगा और वही हमने किया।